इस किताब का नाम है codex leicester
किताब का वर्णन:-
codex leicester मैं कागज की 18 सीट है जिनमें से प्रत्येक को आधे में मोड गया है और दोनों तरफ लिखा गया है जिससे पूरा बेहतर प्रश्न का दस्तावेज बनता है एक समय में सीट को एक साथ बांधा जाता था लेकिन अब उन्हें अलग-अलग प्रदर्शित किया जाता है लियोनार्डो ने अपनी विशिष्ट दर्पण लेखन का उपयोग करते हुए इस किताब को लिखा है ।
इस नोटबुक में 36 सीट, 29 * 22 सेंटीमीटर शामिल है।इसमें खगोल विज्ञान और पानी चट्टानों जीवाश्म हवा ओर प्रकाश के गुणों पर लियोनार्डो के अवलोकन और सिद्धांतों का मिश्रण है|
1-समुद्री जीवों के जीवाश्म पहाड़ों पर क्यों पाए जाते हैं। इसका स्पष्टीकरण प्लेट टेक्टोनिक्स के वैज्ञानिक सिद्धांत के स्वीकृत होने से सैकड़ो साल पहले लियोनार्डो का मानना था कि पहाड़ों ने पहले समुद्री तल का निर्माण किया था जो धीरे-धीरे ऊपर उठे और पहाड़ बन गए।
2-पानी की गति यह codex leicester का मुख्य विषय अन्य बातों के अलावा लिया लियोनार्डो ने नदियों में पानी के प्रवाह और इसके रास्ते में आने वाली विभिन्न बाधाओं से कैसे प्रभावित होता है इसके बारे में लिखा उन्होंने अपने अवलोकनों से पुल निर्माण और कटाव के बारे में सिफारिश की
3-चंद्रमा की चमक लियोनार्डो ने अनुमान लगाया कि चंद्रमा की सतह पानी से ढकी हुई है जो सूर्य के प्रकाश को परावर्तित करती है इस मॉडल में, पानी की सतह पर लहरें प्रकाश को कई दिशाओं में परिवर्तित करती हैं जिससे यह स्पष्ट है कि चंद्रमा सूर्य जितना चमकीला क्यों नहीं है लियोनार्डो ने बताया कि अर्द्ध चंद्राकार चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से पर हल्की चमक पृथ्वी से परावर्तित सूर्य के प्रकाश के कारण होती है इस प्रकार उन्होंने ग्रहों की चमक की घटना का वर्णन जर्मन खगोल शास्त्री जोहान्स कैपलर द्वारा इसे साबित करने से 100 साल पहले किया था
किताब की नीलामी की शुरुआत:-
साल 1994 में इटली के मिलान शहर में किताब की नीलामी चल रही थी। और इस नीलामी में दुनिया भर से लोग पहुंचे हुए थे। तकरीबन 5.5 मिलियन डॉलर से इस किताब की ओपनिंग बोली शुरू हुई।और देखते देखते वहां बैठे लोग बोली लगाना शुरू करते हैं। लेकिन जहां यह नीलामी चल रही थी वहां एक आदमी फोन के जरिए अपनी बोली को बढ़ता जा रहा था। वहां बैठे लोग यह सोचकर परेशान थे कि किसी किताब के लिए किसी इंसान का पागलपन इतना कैसे हो सकता है।उसके साथ यह आदमी किताब खरीद लेता है वह भी 28 मिलियन डॉलर में |और उसे कमरे से बाहर आते-आते सारी फॉर्मेलिटी खत्म करने के लिए बात इस किताब की जो कुल कीमत होती है वह होती है 30.8 मिलियन डॉलर और इस किताब के नाम एक रिकॉर्ड दर्ज हो जाता है कि आज की दुनिया की सबसे महंगी किताबें में से एक है। भारत में इसकी कीमत आज 400 करोड़ बताई जा रही है। अब जो सवाल आपको परेशान कर रहा होगा कि यह किताब किसने खरीदी और भला इस किताब में ऐसा क्या है जो यह इतनी महंगी बिकी। सबसे पहले आपको बता दे कि इस किताब को जिस इंसान ने खरीदा था वह कोई और नहीं बिल गेट्स थे । Microsoft कंपनी के फाउंडर। दरअसल साल 1994 का ही वह दौर था जब बिल गेट्स दुनिया भर के टॉप 400 रिचेस्ट लोगों की लिस्ट में शामिल हुए थे ।इस समय वह 39 साल के थे जब उन्होंने किताब खरीदी तो सारी दुनिया में उनकी बातें होने लगी और यह दौर भी था जब लोग खुद को दुनिया के सामने रखने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार थे। शायद यही कारण था कि बाकी दुनिया ने बिल गेट्स के बारे में जानना शुरू किया |
इस किताब को लिखा था लियोनार्दो दा विंची ने:-
आखिर ऐसा क्या लिख दिया था लियोनार्डो की इस किताब में जो उसे इतनी कीमत देखकर खरीदा गया। लिओनार्दो दा विंची के बारे में आप जितना पढ़ेंगे और जानेंगे आप एक स्पाइरल रूप में चले जाएंगे। यह तो हम बात सब जानते हैं कि लियोनार्डो शादी से बाहर पैदा हुए थे वही जिसे आज हम एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का नाम दे देते हैं । यही एक वजह थी जिसकी वजह से वह कभी स्कूल नहीं जा पाए। आज सारी दुनिया उनकी समझदारी की कायल है।
इनका कहना था कि जो पार्टनर सिर्फ फिजिकल सुख के लिए अटेंशन बनाते है या अपने पार्टनर के साथ जबरदस्ती करते हैं उनके बच्चे हमेशा चिड़चिड़ा और कम अकलमंद होते है ।ओर जो एक दूसरे से बड़े प्यार से एक दूसरे से फिजिकल रिलेशन बनाते हैं उनके बच्चे बड़े खूबसूरत और समझदार पैदा होते हैं।यह तो उसे समय सीधा उनका समाज के लोगों के मुंह पर तमाचा था जिन्होंने हमेशा लियोनार्डो को नीचा दिखाया।
लियोनार्डो एक ऐसे इंसान थे जिन्हें 15 से ज्यादा विषयों में महारत हासिल थी ।शायद आज किसी कॉलेज की डिग्री में भी इतने विषय आप नहीं पढ़ते होंगे ।
Anatomist,astrologrr,scientist,mathematician,painter,architect,inventor,engineer,botanist, न जाने और ऐसे कितने ही विषयों के बारे में उनकी किताबों में उनके ज्ञान को दर्शाता है।
उनका एक बहुत ही प्रसिद्ध कथन है:- जो लोग सफल होते हैं वह बैठकर कभी भी घटनाओं का इंतजार नहीं करते बल्कि वह खुद ऐसी घटनाएं पैदा करते हैं कि वह सफल हो पाते हैं।
उनके द्वारा बनाई गई मोनालिसा की पेंटिंग एक छोटा सा अंश था जो उनकी काबिलियत को दर्शाता था।
लिओनार्दो दा विंची काफी किताबें लिखा करते थे क्योंकि वह इसी तरह के इंसान थे| जिसे ऑब्जर्व करना और फिर उसे ऑब्जरवेशन के बाद उससे जुड़े सवाल और फिर उनके जवाब ढूंढ कर उन्हें लिखना उन्हें बड़े पसंद था ।यही उन्होंने इस किताब में किया इस बुक में 7000 से ज्यादा शब्द मिरर राइटिंग स्टाइल में लिखे गए हैं। जिन्हें केवल तभी पढ़ा जा सकता है जब पेज को रोशनी के सामने रखा जाए ।
इस किताब में साइंस एक्सपेरिमेंट ,एस्ट्रोनॉमी कंपलेक्स मैथमेटिक्स सॉल्यूशन से लेकर लियोनार्डो की टुडू लिस्ट तक के बारे में सब कुछ लिखा हुआ है ।इस किताब को आप ध्यान से देखेंगे तो आपको जो चीज सबसे पहले नोटिस हो सकती है की कलाकार कितना समझदार हो सकता है।क्योंकि उन्होंने इस किताब के इंच इंच को इतना सही तरीके से इस्तेमाल किया है कि बिना वजह पूरी किताब में कोई खाली जगह नहीं मिलने वाली। शायद इसका सबसे बड़ा कारण यही रहा होगा कि उसे समय पेपर की काफी कमी हुआ करती थी ।जिसके चलते उन्होंने कुछ इस तरह हर एक पेज को उसकी क्षमता तक का उपयोग किया है|
शायद यह किताब लियोनार्डो की दुनिया के बारे में कई चीजे बताती है जो अपने आप में बताता है कि इंसानी दिमाग एक्चुअली में कैसे एक पूरी दुनिया को बदल कर रख सकता है। codex leicester किताब में आप एक चीज की आपको सबसे ज्यादा पिक्चर देखने को मिलेगी वह है वाटर फ्लो सिस्टम।यह बिल्कुल असली दिखाई देता है। यह 500 साल पुरानी कला हैं । उन्होंने बहते हुए पानी को 67 अलग-अलग नाम दिए हैं । क्योंकि वह इन सभी के अलग-अलग डायनामिक को समझ चुके थे और वह जानते थे की पानी को कब करंट कहना है और कब स्ट्रीम कहना है और इस वाटर फ्लो सिस्टम की हेल्प से फ्लूट डायनामिक को अपनी किताब में बड़ी ही शानदार तरीके से बताते हैं।
उन्होंने इंसान के चेहरे के पीछे उपयोग किए जाने वाले हर मांसपेशियों और नब्ज़ के के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित की और इसके बारे में पूरी गणना इस किताब में की गई है। इस किताब में एक ऐसी तस्वीर भी है जिसकी चर्चा पूरी दुनिया करती है|
वह तस्वीर किसी और के नहीं मोनालिसा की है। आज भी यह तस्वीर लोगों के लिए एक पहेली बनी हुई है। इस तस्वीर को देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि लियोनार्दो डा विंची किस हद तक सोच सकते थे।
और यह बताया जाता है कि उन्हें मोनालिसा के लिप्स बनाने में परेशानी हो रही थी और सिर्फ लिप्स बनाने के लिए उन्हें 12 से 15 साल लगे थे। और इस तस्वीर की सबसे बड़ी पहेली इस तस्वीर का मुस्कुराना है।
इसी वक्त उन्हें यह भी पता चला कि आंखों के अंदर मौजूद रेटिना इमेज को दो भागों में प्रक्रिया करता है जिसमें रेटिना का सेंटर तस्वीर की डिटेल्स को देखता है। और रेटिना का सरकम्फ्रेंसेस उसे इमेज की शैडोज और शेड्स को डिफाइन करता है और इस तरह हमारी आंख किसी भी ऑब्जेक्ट का एग्जैक्ट साइज मेजर करने के लिए काबिल बनती है।
और यही एक कारण है कि आप मोनालिसा की पेंटिंग में शैडो और लाइट का छुपा हुआ कांबिनेशन देखोगे जो इसे दूसरी बाकी पेंटिंग से अलग और खास बनाती है ।अगर एक सामान्य व्यक्ति को विज्ञान को परिभाषित करने के लिए कहा जाए तो वह साइंस की डेफिनेशन लिख डालेंगे लेकिन लियोनार्डो ने तो साइंस की परिभाषा ही बदल डाली क्योंकि अगर आप उनके द्वारा लिखी गई किसी भी किताब को देखोगे तो आपको यकीन ही हो जाएगा कि उनके लिए कला ही एक साइंस है जिसे बारीकियो के साथ लोगों के सामने रखा जाए तो यह उन्हें किसी भी सिचुएशन को समझने में आसानी करेगा| और इन्हीं दोनों चीजों का इस्तेमाल करके उन्होंने इस बुक को लिखा जिसे बिल गेट्स ने 400 करोड़ में खरीदा।