अमेरिका से गुड न्यूज़ सामने आई है भारतीय मूल की वैज्ञानिक सुनीता विलियम जल्द ही वापस लौटने वाली है|
नासा ने सोशल मीडिया एक्सपीरियंस जानकारी सबके साथ शेयर की है और यह लिखा है यह बताया है कि भारतीय समय अनुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 मिनट धरती पर वापस लौटेंगी। इसके लिए कल सुबह से 10:15 से इंडिटरनेशनल स्पेस स्टेशन से क्रू 10 मिशन क्राफ्ट की अंडोकिंग शुरू होगी। ओर फिर ये स्पेस क्राफ्ट उड़ान भरेगा ।
सुनीता सुनीता विलियम्स की वापसी तो तय हो गई है लेकिन वह अपनी जिंदगी के 9 महीने किस तरह गुजरे वो भी जानना खास हो जाता है । 9 महीने के बीच उनकी काफी तस्वीरें सोशल मीडिया पर आती रही जिसमें वह कभी हाथ में माइक लेकर जानकारी देती दिखी ।कभी उनको अंतरिक्ष के सेंटर कैप में देखा। कभी जिम में उनका पसीने बहाते देखा कभी स्पेस की जानकारी देते हुए उनका वीडियो देखा गया। लेकिन इन तस्वीरों में उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा खिला हुआ चेहरा वैसा ही रहा।
कैसे वापस आएगी सुनीता विलियम्स
भारतीय मूल की अमेरिकन एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स बुधवार 19 मार्च को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती पर वापसी करेंगे| दरअसल एलॉन मुस्क की कंपनी स्पेस एक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंच गया है ।
सुनीता और उनके साथ के एस्ट्रोनॉट निक हेग, अलेक्साद गौरबूनोव और बुच विल्मोर 9 महीने से iss पर फंसे हैं उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आई थी जिसकी वजह से उनकी वापसी तय समय पर नहीं हो पाई थी।
सुनीता विलियम्स का करियर
1987 में यूनाइटेड स्टेट नवल अकादमी से ग्रेजुएट होने के बाद अमेरिकन नेवी में शामिल हुई| नौसेना में उन्हें हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में ट्रेनिंग दी गई फिर उन्होंने पर्शियन गल्फ यानी फारस की खाड़ी और अन्य मिशनों में बताओ हेलीकॉप्टर पायलट सेवाएं दी।
साल 1993 से 1994 उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स नवल टेस्ट पायलट स्कूल में भेजा गया यहां उन्होंने एडवांस एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों की टेस्टिंग की। टेस्ट पायलट बनना नासा में जाने का एक महत्वपूर्ण कदम था क्योंकि नासा अक्सर ऐसे लोगों को चुनता है जो एडवांस एयरक्राफ्ट को टेस्ट करने में माहिर होते है।
नासा में कैसे सिलेक्ट हुई सुनीता विलियम्स
1998 में जब नासा के नए एस्ट्रोनॉटस यानी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एप्लीकेशन मांगे तो सुनीता विलियम्स ने भी अप्लाई किया| उनके बेहतरीन एकेडमिक रिकॉर्ड, नौसेना में बेहतरीन सेवा, और टेस्ट पायलट के रूप में एक्सपीरियंस्ड होना उन्हें इस चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ता गया।
हजारों एप्लीकेंट में से नशा सिर्फ कुछ लोगों का सिलेक्शन करता है सुनीता को कई मेंटल ,फिजिकल और साइंटिफिक टेस्ट से गुजरना पड़ा ।फिर इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट हुआ इसके बाद उन्हें 1998 में आधिकारिक रूप से नासा के अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम में शामिल कर लिया गया था|
पहली अंतरिक्ष यात्रा
एस्ट्रोनॉट्स प्रोग्राम में शामिल करने के बाद सुनीता को स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन, रोबोटिक, स्पेस वॉक और साइंटिफिक रिसर्च का गहन प्रशिक्षण दिया गया ।फिर उन्हें रूसी सोयूज स्पेसक्राफ्ट और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के मॉड्यूल की भी ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद पानी के भीतर जीरो ग्रेविटी स्पेस वॉक ट्रेनिंग जंगल में सर्वाइवल ट्रेनिंग और साइंटिफिक रिसर्च की भी ट्रेनिंग दी गई|
आखिरकार 9 दिसंबर 2006 को STS -116 मिशन के तहत सुनीता विलियम्स ने पहली बार अंतरिक्ष किया। यात्रा की इस मिशन में उन्होंने 192 दिन अंतरिक्ष में बताएं और कई स्पेसवॉक किए।
सुनीता विलियम्स को किस किस अवार्ड से नवाजा जा चुका है
2008 में भारत सरकार में साइंस एंड इंजीनियरिंग क्षेत्र में योगदान के लिए देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया।
में सिख समुदाय ने श्री साहिब उपाधि से सम्मानित किया|
2012 में रूस ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में योगदान के लिए आर्डर ऑफ फ्रेंडशिप सम्मान दिया।
में गुजरात सरकार ने गुजरात गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया।
2008 में आईआईटी कानपुर से डॉक्टर ऑफ साइंस की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया|
सुनीता विलियम्स ने माइकल जे.विलियम से शादी की। माइकल एक फाइट पायलट और अमेरिकी नौसेना अधिकारी है दोनों की शादी 1990 के दशक में हुई थी। जब सुनीता नौसेना में सेव कर रही थी।