सरकार ऐसा क्यों कर रही है: –
रिपोर्ट के अनुसार बेकार और पुराने मोबाइल नंबर जो इस्तेमाल में नहीं है उनके किसी भी बैंक अकाउंट से लिंक होने से तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है अगर किसी और के नाम वह मोबाइल नंबर जारी हो जाए तो फर्जी वाले का डर भी बना रहता है सरकार ऐसे हालात से बसे हुए लोगों को सुरक्षित रखना चाहती है।
यूपीआई को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया(NPCI) ने बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को ऐसे मोबाइल नंबरों को दी लिंक करने के निर्देश दिए हैं वहीं एनपीसीआई जल्द ही पुल ट्रांजैक्शन फीचर भी बंद कर सकती है।
बंद होने से पहले बैंक आपको अलर्ट मैसेज भेजेगा: –
यूजर्स को यूपीआई सर्विस बंद करने का अलर्ट मैसेज भेजा जाएगा चेतावनी के बावजूद कोई मोबाइल नंबर इन एक्टिव रहता है तो उसे यूपीआई सिस्टम से हटा दिया जाएगा।
UPI को एक्टिव कैसे रखें:-
1- किसी को कॉल या मैसेज करके पता करें कि आपका मोबाइल नंबर एक्टिव है या नहीं।
2- अपने टेलीकॉम प्रोवाइडर से कंफर्म करें कि नंबर आपका नाम पर रजिस्टर्ड है या नहीं।
3- सुनिश्चित करें कि आपको अपने बैंक से एसएमएस अलर्ट और ओटीपी प्राप्त हो रहा है या नहीं।
4- अगर आपका नंबर बंद हो चुका है और नंबर किसी और को अलॉट हो गया है तो बैंक जाकर नए नंबर लिंक कराए।
5- गूगल पे, फोनपे ,और पेटीएम जैसे यूपीआई ऐप्स में अपना नंबर और बैंक डिटेल से अपडेट करें।
पुल ट्रांजैक्शन फीचर हटा सकती है NPCI:-
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एनपीसीआई बैंकों के साथ मिलकर एक प्लान बना रहा है कि किस तरह से पुल ट्रांजैक्शन को रोका जाए या फिर इसे खत्म कर दिया जाए हालांकि यह प्लान अभी शुरुआती स्टेज में है अभी किसी भी तरह की ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है कि इस कब से और किस तरह से लागू किया जाएगा।
पुल ट्रांजैक्शन क्या है:-
जब भी आपके यूपीआई एप पर कोई मर्चेंट व्यक्ति पेमेंट करने के लिए रिक्वेस्ट भेजता है तो इसे पुल ट्रांजैक्शन कहते हैं इसमें भुगतान की जाने वाली राशि पहले से ही शामिल होती है यूजर को सिर्फ अपने यूपीआई एप पर अपना पिन नंबर दर्ज करना होता है।
इसमें पेमेंट एप पर एक नोटिफिकेशन आता है जिस पर क्लिक करते ही आपको अमाउंट के साथ एक ट्रांजैक्शन पॉप-अप दिखता है जब आप इस पर क्लिक कर पी डालते हैं तो अमाउंट रिक्वेस्ट भेजने वाले के अकाउंट में चला जाता है।
वही जब यूजर यूपीआई के जरिए कर कोड स्कैन करके या सीधे मोबाइल नंबर डालकर अमाउंट ट्रांसफर करता है तो उसे पुश ट्रांजैक्शन कहा जाता है ऐसे ट्रांजैक्शन में ग्राहक खुद ही अपने यूपीआई एप में भुगतान की जाने वाली राशि फीड करता है|
यूपीआई कैसे काम करता है:-
अगर आपके पास यूपीआई आईडी, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं मैं सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी यह सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं।