राज्यसभा में बिल कैसे पास होगा:-
राज्यसभा में इस वक्त 234 सदस्य हैं. जम्मू-कश्मीर की चार सीटें खाली हैं. इसमें बहुमत के लिए 118 सांसद चाहिए. बीजेपी के पास उसके अपने 96 सांसद हैं और एनडीए के सहयोगियों के साथ कुल संख्या 113 तक पहुंचती है. इसके अलावा छह मनोनीत सदस्य हैं, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में वोट करते हैं. इससे एनडीए की ताकत 119 हो जाती है जो बहुमत से दो ज्यादा है. अगर कुछ सांसद गैरहाजिर रहते हैं या विरोध में वोट करते हैं तो सरकार के लिए मुश्किल हो सकती है.
दूसरी ओर विपक्ष में कांग्रेस के पास 27 सांसद हैं. अन्य विपक्षी दलों के पास 58 सदस्य हैं. इस तरह राज्यसभा में कुल विपक्षी सांसदों की संख्या 85 तक पहुंचती है. यानी सारा दारोमदार बीजेडी और वाईएसआर के रुख पर टिका है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन दोनों दलों ने कई मौकों पर सरकार का साथ दिया था. लेकिन, इन दोनों के राज्यों आंध्र प्रदेश और ओडिशा में राजनीतिक स्थित बदल गई है. ये दोनों पार्टियां अपने-अपने राज्यों में भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के हाथों सत्ता से बाहर हुई हैं|
देवगोड़ा ने बिल का समर्थन किया:-
पूर्व प्रधानमंत्री और JD(S) प्रमुख एच.डी. देवेगौड़ा ने कहा, “मुझे प्रधानमंत्री को बधाई देनी चाहिए. क्यों? जिस संपत्ति का उल्लेख किया गया है, वह लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये की है. ये संपत्तियां सरकार द्वारा नहीं, बल्कि दानदाताओं द्वारा दी गई हैं… यदि दानदाताओं ने दी है और उसका दुरुपयोग किया गया है और इसमें निहित स्वार्थ है, तो अब वर्तमान प्रधानमंत्री इस पर मुहर लगाना चाहते हैं, ताकि दानदाताओं की संपत्ति, जो किसी विशेष उद्देश्य के लिए समुदाय को दी गई है, उसे अमीर लोगों या समुदाय में उन लोगों द्वारा हड़पने की अनुमति न दी जाए, जो इस संपत्ति को हड़पने के लिए पर्याप्त रूप से शक्तिशाली हैं…”
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा इस बिल को लेकर:-
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा कि कुछ लोग उम्मा का ख्याल पाले हुए थे. उम्मा वालों के उम्मीद पर पानी फिर रहा है. ये अल्पसंख्यकों की बात करने वाले जब अल्पसंख्यकों की बात आती है तो पहले उसे तराजू में तौलते हैं. जो लोग ये कहते हैं कि वो कानून को नहीं मानेंगे, नियम को नहीं और फिर कहते हैं कि अदालत के आदेश को नहीं मानेंगे तो इसका मतलब वो अपनी खुदाई में जी रहा है. खुदाई से आजकल बहुत लोगों को डर लगता है क्योंकि जहां-जहां खुदा है वहां-वहां भगवान है|
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि हमने ईमानदारी से मुस्लिम समाज के कल्याण की बात की है. ये मुकाबला शराफत अली और सरारत खान के बीच है. हमारी सरकार शराफत अली के साथ है. ये गरीब मुसलमानों के दिल की कसक और कट्टरपंथी वोट के ठेकेदारों के बीच में सरकार ने गरीब मुसलमानों का साथ दिया है|
वक्फ बिल पर चर्चा करते हुए बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में अपनी बात रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बारे में बताया जा चुका है कि वक्फ बिल के लिए किस सिद्दत से काम किया गया. एक हिंदी में कहावत है कि नया मुल्ला प्याज ज्यादा खाता है, लेकिन यहां तो पुराना मुल्ला ज्यादा माल खा रहा है. देश में सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया बोर्ड अलग-अलग क्यों है. यहां तक कि ताज महल पर भी दावा कर दिया गया|
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिल का जोरदार विरोध किया:-
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वक्फ विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ बताते हुए गुरुवार को आरोप लगाया कि यह (विधेयक) अल्पसंख्यकों को तबाह करने के लिए लाया गया है। खरगे ने कहा कि देश में ऐसा माहौल बना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को तंग करने के लिए लाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने उच्च सदन में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में 288 मत आए जबकि विपक्ष में 238 मत। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि इसमें खामियां और कमियां हैं तथा सरकार को इस पर गौर करना चाहिए।
खरगे ने कहा कि आप झगड़े का बीज डाल रहे हैं. मैं अपील करता हूं कि इस बिल को वापस लिया जाए. अगर पहले के कानून में गलतियां हैं तो उसमें सुधार लाया जाए. मुसलमानों के लिए यह बिल अच्छा नहीं है. ये बिल संविधान के खिलाफ है. नजर नहीं है, नजारों की बात करते हैं… जमीं पे चांद सितारों की बात करते हैं, वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं, बड़ा हसीन है उनकी जुबान की जादू, लगा के आग बारों की बात करते हैं|
अभी भी राज्यसभा में बिल पर चर्चा जारी है|