samachar factory

वक्फ बिल संसद में पेश जानिए क्या है पूरा बिल:-

वक्फ शब्द क्या है कहा से आया:-

वक्फ अरबी भाषा से निकला एक शब्द है, जिसका ओरिजिन ‘वकुफा’ शब्द से हुआ है। वकुफा का अर्थ होता है ठहरना, रोकना या प्रतिबंधित करना। इसी शब्द से बना वक्फ, जिसका मतलब होता है- ‘संरक्षित करना’। इस्लाम में वक्फ का अर्थ संरक्षित की गई उस संपत्ति से है, जो जन-कल्याण के लिए उपयोग की जाती हो।

मौजूदा वक्फ बिल क्या है :-

आजादी के बाद पहली बार साल 1954 में वक्फ अधिनियम संसद में पारित किया गया था। साल 1995 में इसे एक नए वक्फ अधिनियम से बदला गया, जिसने वक्फ बोर्ड को और ज्यादा शक्ति दी। ताकत बढ़ने के साथ अतिक्रमण और वक्फ संपत्तियों के अवैध पट्टे और बिक्री की शिकायतें भी बढ़ गईं।

साल 2013 में, अधिनियम में संशोधन किया गया, जिससे वक्फ बोर्डों को मुस्लिम दान के नाम पर संपत्तियों का दावा करने के लिए असीमित अधिकार दिए। संशोधनों ने वक्फ संपत्तियों की बिक्री को भी असंभव बना दिया।

बीजेपी नेता कीरेन रिजुजू ने क्या कहा :-

लोकसभा में बुधवार को  केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय रखा गया है। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष विधेयक पर अपने विचार और सुझाव दे रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। वहीं भाजपा समर्थित एनडीए के दल विधेयक के समर्थन में हैं। इस विधेयक को लेकर सदन में जोरदार बहस देखने को मिल रही है। आइए ग्राफिक्स के माध्यस से समझते हैं कि विधेयक पर पक्ष और विपक्ष का क्या कहना है?अनुराग ठाकुर ने कहा, “यह विधेयक हिन्दू बनाम मुस्लिम के बारे में नहीं है, यह कानून बनाम अराजकता, संविधान बनाम भ्रष्टाचार, भारत बनाम आंतरिक विभाजन है। कई देशों में, वक्फ बोर्ड केंद्रीकृत ढांचे के तहत काम करता है।”इस विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में अपने संबोधन में साफ कर दिया कि वक्फ विधेयक के जरिए सरकार किसी धर्म के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन से जुड़ा है और इसका मंदिर या मस्जिद या किसी भी धार्मिक स्थल के प्रबंधन से कोई लेना-देना नहीं है।

बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने क्या कहा :-

सरकार क्या बदलाव करने जा रही है इसमें :-

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने के बाद चर्चा के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ‘वक्फ विधेयक किसी भी धार्मिक व्यवस्था, किसी भी धार्मिक संस्था या किसी भी धार्मिक प्रथा में किसी भी तरह से हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। यह केवल संपत्ति प्रबंधन का मामला है। अगर कोई इस बुनियादी अंतर को समझने में विफल रहता है या जानबूझकर नहीं समझना चाहता है, तो मेरे पास इसका कोई समाधान नहीं है।’
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ‘दुनिया का सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति भारत में है। ऐसा कहा जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा क्षेत्र के बाद तीसरी सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है, लेकिन रेलवे और रक्षा क्षेत्र की संपत्ति देश की संपत्ति है। रेलवे की संपत्ति का पूरे देश के लोग इस्तेमाल करते हैं और रक्षा क्षेत्र की जमीन का इस्तेमाल देश की सुरक्षा में होता है, जबकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति निजी संपत्ति है। वक्फ बोर्ड के पास लाखों एकड़ जमीन और लाखों करोड़ की संपत्ति है तो देश के गरीब मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है? अगर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सरकार गरीब मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है, तो इसमें आपत्ति क्यों है?’

किरेन रिजिजू ने कहा, ‘अब वक्फ बोर्ड में शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़े मुसलमान, महिलाएं और विशेषज्ञ गैर-मुस्लिम भी होंगे। मैं अपना खुद का उदाहरण देता हूं। मान लीजिए मैं मुसलमान नहीं हूं लेकिन मैं अल्पसंख्यक मामलों का मंत्री हूं। फिर मैं सेंट्रल वक्फ काउंसिल का चेयरमैन बन जाता हूं। मेरे पद के बावजूद, काउंसिल में अधिकतम 4 गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं और उनमें से 2 महिला सदस्य अनिवार्य हैं।’

वक्फ बिल में क्या समस्याएं हैं:-
  • वक्फ संपत्तियों की अपरिवर्तनीयताः ‘एक बार वक्फ, हमेशा वक्फ’ के सिद्धांत ने विवादों को जन्म दिया है।
  • कब्जे की शिकायतें, कानूनी विवाद और मिसमैनेजमेंट
  • वक्फ संपत्तियों का अधूरा सर्वेक्षण
  • कोई न्यायिक निगरानी नहीं- वक्फ ट्रिब्यूनल्स के फैसलों को हाईकोर्ट या दूसरी अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती।
  • वक्फ कानूनों का दुरुपयोग
  • वक्फ अधिनियम की संवैधानिक वैधता- वक्फ अधिनियम केवल एक धर्म पर लागू होता है, जबकि अन्य के लिए इसके समान कोई कानून मौजूद नहीं है। ऐसे में यह संविधान की भेदभाव ना करने की भावना के खिलाफ है।
Exit mobile version